
उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के जलेसर थाना क्षेत्र से एक ऐसी खबर आई है जो हर इंसान का भरोसा ‘पुलिस में भी इंसानियत होती है’ पर और मजबूत करती है।
यह कहानी है थाना प्रभारी अमित कुमार की, जिन्होंने वर्दी में इंसान बनकर एक भूखे-प्यासे बुजुर्ग दंपति को न केवल सहारा दिया बल्कि अपने हाथों से खाना परोसकर खिलाया।
जब अपनों ने निकाला घर से, पुलिस ने खोला दिल का दरवाज़ा
चार दिन से भूखे ये बुजुर्ग दंपति अपने ही बेटे-बहू के हाथों घर से बेघर हो गए थे। थाने पहुंचे तो इंसाफ मांगने — पर वहां मिला सुकून, सम्मान और इंसानियत का स्पर्श। SHO अमित कुमार ने तुरंत दोनों के लिए भोजन मंगाया, और खुद थाली परोसकर खिलाया।
“जब तक मैं इस थाने में हूं, इनकी जरूरतों का ध्यान रखूंगा।” — SHO अमित कुमार
थाने में खाना खाते हुए बुजुर्गों की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने कहा — “आज भी दुनिया में अच्छे लोग हैं, भगवान ने पुलिस के रूप में हमें बेटा भेजा।”
इंसानियत ज़िंदा है — बस एक अमित कुमार चाहिए
इस घटना ने पूरे एटा जिले में भावनात्मक लहर दौड़ा दी है। लोग कह रहे हैं — “अगर हर थाना ऐसा हो जाए, तो FIR की जगह Blessing मिले।”
बुजुर्ग दंपति के बेटे और बहू को थाने बुलाकर SHO ने सख्त चेतावनी दी कि अगर फिर उपेक्षा हुई, तो कानूनी कार्रवाई तय है।

पुलिस का बयान: “पीड़ित की मदद हमारा कर्तव्य, बुजुर्गों की सेवा धर्म”
अमित कुमार ने कहा — “पुलिस की ड्यूटी सिर्फ कानून लागू करना नहीं, बल्कि इंसानियत को जिंदा रखना भी है। बुजुर्गों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।”
जहां आमतौर पर लोग थाने का नाम सुनकर डर जाते हैं, वहीं अब जलेसर थाने का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
कहते हैं — “अब वहां केस नहीं, करुणा लिखी जाती है।”
“SIR नहीं, अब तो सड़क पर ही सिस्टर ममता!” — बंगाल में सियासी हड़कंप
